"कयामत किसे कहूँ?"
“कयामत किसे कहूँ?”
मेरी हर उस इल्तिज़ा को
कि तेरी उस कुबूल को,
जमाने की रुसवाई को
कि उल्फत के उसूल को।
“कयामत किसे कहूँ?”
मेरी हर उस इल्तिज़ा को
कि तेरी उस कुबूल को,
जमाने की रुसवाई को
कि उल्फत के उसूल को।