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18 Dec 2019 · 1 min read

सर्द हवाएँ।

सर्द हवाएँ चल रहीं, धुंध भरी हर ओर
सूरज घन में है छिपा , जैसे कोई चोर,
जैसे कोई चोर , रात में छुपके आता
थर्र-थर्र काँपे अंग , दिसम्बर चुपके आता।
ऊनी – स्वेटर , शाल, रजाई, भाये कम्बल
बोरसी,गोरसी,आग,अँगीठी सबका सम्बल।

अनिल मिश्र प्रहरी।

2 Likes · 2 Comments · 336 Views
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