** मैं शब्द-शिल्पी हूं **
पेड़ों की छाया और बुजुर्गों का साया
जेसे दूसरों को खुशी बांटने से खुशी मिलती है
बहुत खूब आदरणीय वाह क्या कहने सुप्रभात रहें किसी के पास यदि, बुद्धि धैर्य विश्वास
करूँ तलाश लोगों की ,किसी जंगल बिराने में !
जिसमें सिमट जाती है दुनिया ही हमारी
ये दिल उनपे हम भी तो हारे हुए हैं।
*वेद का ज्ञान मनुष्य-मात्र के लिए: स्वामी अखिलानंद सरस्वती*
झुका के सर, खुदा की दर, तड़प के रो दिया मैने
Why Not Heaven Have Visiting Hours?
ना कुछ लिखा जा रहा है ना कुछ पढ़ा जा रहा है।
Ranjeet Kumar Shukla- Hajipur
Dr Arun Kumar shastri ek abodh balak
!!!! कब होगा फैसला मेरा हक़ में !!!!
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझको
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'