जिस्म झुलसाती हुई गर्मी में..
बैठा के पास पूंछ ले कोई हाल मेरा
ख़ुशियाँ हो जीवन में, गुलाब होने का हर्ष रहे
"मेरी नाकामी ने नहीं तोड़ा मुझे"
ख्वाबों से परहेज़ है मेरा "वास्तविकता रूह को सुकून देती है"
*स्वजन जो आज भी रूठे हैं, उनसे मेल हो जाए (मुक्तक)*
हिंदी दोहे- कलंक
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
असली काम तो वह है जो आप खुद पर करते हैं।
!!! भिंड भ्रमण की झलकियां !!!
इश्क में हमको नहीं, वो रास आते हैं।
आँखों की गहराइयों में बसी वो ज्योत,
बल और बुद्धि का समन्वय हैं हनुमान ।