मार्ग ढूंढने निकले थे रास्ते में एक मोड़ आया
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
इंसान की फ़ितरत भी अजीब है
वो नाकामी के हजार बहाने गिनाते रहे
गरीबी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मेरी किस्मत पे हंसने वालों कब तलक हंसते रहोगे
हमेशा सही के साथ खड़े रहें,
इंसान चाहता है सब कुछ अपने वक्त पर,पर जिंदगी का हर मोड़ है व
ये शिकवे भी तो, मुक़द्दर वाले हीं कर पाते हैं,
ये india है जनाब यहां बैंक में एकाउंट हो या न हो पर नौजवान ह