बड़े तंग रास्ते

मैं राही आवारा
मेरे संग रास्ते,
बहुत दूर है मंजिल
बड़े तंग रास्ते,
मैं राही आवारा
मेरे संग रास्ते,
पेड़ पत्तों के जैसे
यहां बिखरे हुए से,
सब मस्ती में डूबे
मलंग रास्ते।
मैं राही आवारा
मेरे संग रास्ते…
है आड़े टेढ़े से,
एक दूसरे से उलझे,
आपस में करते,
यहां जंग रास्ते।
मैं राही आवारा
मेरे संग रास्ते
अब जाऊं कहां मैं-
अब जाऊं कहां मैं,
ये सरकते भटकते,
बेढंग रास्ते।
मैं राही आवारा
मेरे संग रास्ते।
@साहित्य गौरव