Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Sep 2024 · 1 min read

” निशान “

” निशान ”
यादों की झाड़ियाँ होती बहुत कँटीली,
अब भी जख्म के निशान बाकी है।

2 Likes · 2 Comments · 168 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

कर्क चतुर्थी
कर्क चतुर्थी
मधुसूदन गौतम
छल ......
छल ......
sushil sarna
राम
राम
Madhuri mahakash
कौन दिल बहलाएगा?
कौन दिल बहलाएगा?
सुशील भारती
कुप्रथाएं.......एक सच
कुप्रथाएं.......एक सच
Neeraj Kumar Agarwal
हर किसी को हर किसी की जरूरत हैं
हर किसी को हर किसी की जरूरत हैं
Shinde Poonam
हसदेव बचाना है
हसदेव बचाना है
Jugesh Banjare
मुझ पे इल्ज़ाम लगाते हो मगर ये सोचो
मुझ पे इल्ज़ाम लगाते हो मगर ये सोचो
Neeraj Naveed
हे भारत की नारी जागो
हे भारत की नारी जागो
Dheerendra Panchal
LIVE IN THE PRESENT
LIVE IN THE PRESENT
पूर्वार्थ
बुद्धं शरणं गच्छामि
बुद्धं शरणं गच्छामि
Dr.Priya Soni Khare
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
आज की नारी
आज की नारी
Shriyansh Gupta
सर्वप्रथम पिया से रँग लगवाउंगी
सर्वप्रथम पिया से रँग लगवाउंगी
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति
Shyam Sundar Subramanian
वो भारत की अनपढ़ पीढ़ी
वो भारत की अनपढ़ पीढ़ी
Rituraj shivem verma
नेता राजनीति का चलेगा जब दाव तब
नेता राजनीति का चलेगा जब दाव तब
आकाश महेशपुरी
Subject-Patriotism
Subject-Patriotism
Priya princess panwar
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सत्य से परिचय
सत्य से परिचय
Shweta Soni
क्युँ हरबार ये होता है ,
क्युँ हरबार ये होता है ,
Manisha Wandhare
*जिंदगी भर धन जुटाया, बाद में किसको मिला (हिंदी गजल)*
*जिंदगी भर धन जुटाया, बाद में किसको मिला (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
Love exists or not ?
Love exists or not ?
Abhijeet
संजीवनी
संजीवनी
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
ख़ूबसूरत लम्हें
ख़ूबसूरत लम्हें
Davina Amar Thakral
हर कदम बिखरे थे हजारों रंग,
हर कदम बिखरे थे हजारों रंग,
Kanchan Alok Malu
!! परदे हया के !!
!! परदे हया के !!
Chunnu Lal Gupta
..
..
*प्रणय प्रभात*
!............!
!............!
शेखर सिंह
Loading...