"बूढ़े होने पर त्याग दिये जाते हैं ll
आज कल के लोग बड़े निराले हैं,
1 *मेरे दिल की जुबां, मेरी कलम से*
तू क्या जाने कितना प्यार करते हैं तुझसे...
चाय की आदत
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
वक्त सीखा ही देता है,आपको जिंदगी जीने का हुनर... फिर क्या नस
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मय है मीना है साकी नहीं है।
कल रात सपने में प्रभु मेरे आए।
पद्धरि छंद ,अरिल्ल छंद , अड़िल्ल छंद
तेरी यादों ने इस ओर आना छोड़ दिया है
धोखाधड़ी सरपट दौडती सर्वत्र