Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Aug 2024 · 2 min read

“मेरी किताब “पुष्प -सार” और मेरी दो बातें”

डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
==========================
स्पष्टतः कहने में हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए ! मेरी कविता संग्रह “ पुष्प -सार ” किताब छप चुकी है ! कुछ कविताओं और लेखनी के प्रकाशन से यह सोच लेना कि मैं भी कवि और लेखक के श्रेणी आ गया यह बात शायद ही किसीके गले ना उतरे और मैं भी इसे स्वीकार कभी नहीं कर सकता हूँ ! हालाँकि, लिखने की चाह मुझमें सदा रही है ! अधिकाशतः मेरा जीवन भारतीय सेना को समर्पित रहा ! उनदिनों भूले- बिसरे कभी- कभी कुछ लिख लेता था पर नहीं के बराबर ! लिखने का सफर मेरा सेवानिवृति के बाद प्रारंभ हुआ ! 2002 के बाद मेरी यह हॉबी बन गयी!
इस लेखनी को नया आयाम तब मिला जब मेरे बच्चों ने मेरे हाथों में कंप्युटर थमाया और मेरी लेखनी में चार -चाँद लग गए ! मेरी पुत्री आभा झा ने मुझे “ स्टोरीमिरर ” से जुडने के लिए कहा ! स्टोरी मिरर से प्रोत्साहन की बयार चली ! पहले उनलोगों ने मुझे “ लिटरेरी कर्नल ” के उपाधि से अलंकृत किया और बाद में मुझे “ आँथर ऑफ दी ईयर 2021” से नबाजा ! क्रमशः “ लिटरेरी ब्रिगड़िएर” और “लिटरेरी जनरल” की उपाधि मिली ! विश्व के और लिटरेरी संस्थानों ने मुझे पुरस्कृत किया ! उम्र के चौथे पड़ाव में प्रोत्साहन मुझे मिलने लगी !
मेरे लिखने में प्राणवायु का संचालन करने में मेरे फेसबूक मित्र का अतुलनीय योगदान है ! उनके प्रोत्साहन ,आशीष ,स्नेह ने मुझे इस लायक तो बनाया कि मैं आपलोगों के समक्ष अपने विचार और भावना को “ पुष्प -सार ” में प्रदर्शित कर सकूँ !
यह मेरा प्रथम प्रयास है ! यह प्रयास मुझे प्रशिक्षण देगी ! मैं मानता हूँ कि ना मैं कवि हूँ ना लेखक और ना साहित्यकार पर आपके आशीष ,प्यार ,स्नेह और प्रोत्साहन की मुझे दरकार है !
==================
आपका आजन्म विद्यार्थी
डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका
झारखण्ड
भारत

Language: Hindi
201 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

बह्र ## 2122 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन काफिया ## चुप्पियाँ (इयाँ) रदीफ़ ## बिना रदीफ़
बह्र ## 2122 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन काफिया ## चुप्पियाँ (इयाँ) रदीफ़ ## बिना रदीफ़
Neelam Sharma
चलते चलते
चलते चलते
Ragini Kumari
पति का ब्यथा
पति का ब्यथा
Dr. Man Mohan Krishna
सर्राफा- हड़ताल वर्ष 2016
सर्राफा- हड़ताल वर्ष 2016
Ravi Prakash
3194.*पूर्णिका*
3194.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पुण्यतिथि विशेष :/ विवेकानंद
पुण्यतिथि विशेष :/ विवेकानंद
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
जो कभी था अहम, वो अदब अब कहाँ है,
जो कभी था अहम, वो अदब अब कहाँ है,
पूर्वार्थ
यमराज का श्राप
यमराज का श्राप
Sudhir srivastava
चांदनी भी बहुत इतराती है
चांदनी भी बहुत इतराती है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
विकास की होड़ में भटकती पीढ़ी
विकास की होड़ में भटकती पीढ़ी
अरशद रसूल बदायूंनी
सियासत नहीं रही अब शरीफों का काम ।
सियासत नहीं रही अब शरीफों का काम ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
याद करत तुम्हे दोइ बिरियां,
याद करत तुम्हे दोइ बिरियां,
कृष्णकांत गुर्जर
संघर्षशीलता की दरकार है।
संघर्षशीलता की दरकार है।
Manisha Manjari
जमाने के रंगों में मैं अब यूॅ॑ ढ़लने लगा हूॅ॑
जमाने के रंगों में मैं अब यूॅ॑ ढ़लने लगा हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
"रंग भले ही स्याह हो" मेरी पंक्तियों का - अपने रंग तो तुम घोलते हो जब पढ़ते हो
Atul "Krishn"
तुम्हे क्या लगता,
तुम्हे क्या लगता,
अमित मिश्र
सपने ना बंद आँखो में है ,
सपने ना बंद आँखो में है ,
Manisha Wandhare
बंदे को पता होता कि जेल से जारी आदेश मीडियाई सुर्खी व प्रेस
बंदे को पता होता कि जेल से जारी आदेश मीडियाई सुर्खी व प्रेस
*प्रणय प्रभात*
"सिलसिला"
Dr. Kishan tandon kranti
! विकसित भारत !!
! विकसित भारत !!
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
कुसंग
कुसंग
Rambali Mishra
अजीब है ऐ  ख़ुदा तू, और तेरी ये  ख़ुदाई भी,
अजीब है ऐ ख़ुदा तू, और तेरी ये ख़ुदाई भी,
AJAY AMITABH SUMAN
"If Money is lost Nothing is lost,
Nikita Gupta
उत्तर
उत्तर
Dr.Priya Soni Khare
दुम
दुम
Rajesh
"ज्वाला
भरत कुमार सोलंकी
बदहवास सा भाग रहा
बदहवास सा भाग रहा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
थोथा चना ©मुसाफ़िर बैठा
थोथा चना ©मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
श्री राम
श्री राम
Kanchan verma
क्या मिला तुझको?
क्या मिला तुझको?
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
Loading...