Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Aug 2024 · 1 min read

LIVE IN THE PRESENT

LIVE IN THE PRESENT

We all know that the past is unchangeable. No matter how hard we fight with our minds we will never be able to change it. Just overthinking about it will never help us to heal. It just makes the wound more painful. Our future is unpredictable. No matter how well you create a plan, just a second is enough to destroy it completely. Maybe, we can affirm or visualize how our future wants to be, even take all the necessary actions to fulfill it, but we can’t firmly say that this is how our future will be. So, when both the past and the future make you unstable, then why do we still keep worrying about it? Maybe, we are trained in it so much that our minds don’t allow us to think differently from it, but we need to change. We need to learn the art of staying fully focused on the present. Taking the lessons from the past, and believing in our bright future, we just need to take one step towards it every single day by fully enjoying that moment and as a result living a more peaceful and happy life.

124 Views

You may also like these posts

"ऐसा करें कुछ"
Dr. Kishan tandon kranti
यहाॅं हर कोई जीयेगा,
यहाॅं हर कोई जीयेगा,
Ajit Kumar "Karn"
जय माँ चंद्रघंटा
जय माँ चंद्रघंटा
©️ दामिनी नारायण सिंह
लोग आसमां की तरफ देखते हैं
लोग आसमां की तरफ देखते हैं
VINOD CHAUHAN
Swami Vivekanand
Swami Vivekanand
Poonam Sharma
त्रिपदिया
त्रिपदिया
Rambali Mishra
भेद नहीं ये प्रकृति करती
भेद नहीं ये प्रकृति करती
Buddha Prakash
🙅बस एक सवाल🙅
🙅बस एक सवाल🙅
*प्रणय*
From Dust To Diamond.
From Dust To Diamond.
Manisha Manjari
मुक्तक
मुक्तक
जगदीश शर्मा सहज
वफ़ा की कसम देकर तू ज़िन्दगी में आई है,
वफ़ा की कसम देकर तू ज़िन्दगी में आई है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रसिद्ध मैथिली साहित्यकार आ कवि पं. त्रिलोचन झा (बेतिया चम्पारण जिला )
प्रसिद्ध मैथिली साहित्यकार आ कवि पं. त्रिलोचन झा (बेतिया चम्पारण जिला )
श्रीहर्ष आचार्य
बेकाबू हैं धड़कनें,
बेकाबू हैं धड़कनें,
sushil sarna
काल के काल से - रक्षक हों महाकाल
काल के काल से - रक्षक हों महाकाल
Atul "Krishn"
परिणाम से डरो नहीं
परिणाम से डरो नहीं
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
जीवन में असफलता के दो मार्ग है।
जीवन में असफलता के दो मार्ग है।
Rj Anand Prajapati
जब तक हो तन में प्राण
जब तक हो तन में प्राण
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
***रिमझिम-रिमझिम (प्रेम-गीत)***
***रिमझिम-रिमझिम (प्रेम-गीत)***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आह्वान
आह्वान
Shyam Sundar Subramanian
कहानी घर-घर की
कहानी घर-घर की
Brijpal Singh
आलिंगन
आलिंगन
Ruchika Rai
प्रेम, अनंत है
प्रेम, अनंत है
हिमांशु Kulshrestha
कभी-कभी खामोशी की,
कभी-कभी खामोशी की,
अनिल "आदर्श"
मुझे भूल जाना
मुझे भूल जाना
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
मात्रा कलन
मात्रा कलन
आचार्य ओम नीरव
4397.*पूर्णिका*
4397.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मन ही मन में मुस्कुराता कौन है।
मन ही मन में मुस्कुराता कौन है।
surenderpal vaidya
दारू के खतिरा भागेला
दारू के खतिरा भागेला
आकाश महेशपुरी
कोई शिकायत आपको हमसे अब होगी नहीं
कोई शिकायत आपको हमसे अब होगी नहीं
gurudeenverma198
अब क्या करे?
अब क्या करे?
Madhuyanka Raj
Loading...