मोटापे की मार। हास्य व्यंग रचना। रचनाकार: अरविंद भारद्वाज
सुना है, खून का रिश्ता बेवफ़ा नहीं होता ,
यह गद्दारी गवारा नहीं ...
कोई हमें छोड़ कर चला गया, आज भी हमें उन पर बेइंतेहा भरोसा है
कोई नी....!
Kunwar kunwar sarvendra vikram singh
hitclub - Cổng game bài Hit Club đổi thưởng uy tín, hấp dẫn
ये ढलती शाम है जो, रुमानी और होगी।
जब बात नई ज़िंदगी की करते हैं,
सबसे ख़तरनाक होता हैं सपनो का मर जाना।।🏐
देख रे भईया फेर बरसा ह आवत हे......
जिस शरीर के साथ हम पैदा हुए हैं उसके लिए हम जिम्मेवार नहीं ह
& I lost my UPSc ka admit card
वह ख्वाब सा मेरी पलकों पे बैठा रहा
वह नारी
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
ज़िंदगी की मशक़्क़त में
Rekha Sharma "मंजुलाहृदय"