Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2024 · 1 min read

* बेटियां *

** मुक्तक **
~~~~~~~~~~~~~~~~~~
गुनगुनाती हैं विजय की पंक्तियां।
छू रही नभ पार करती आंधियां।
ज्ञान के विज्ञान के हर क्षेत्र में।
कम नहीं होती किसी से बेटियां।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~
मुश्किलों से पार पाती बेटियां।
नील नभ को भी झुकाती बेटियां।
दूरियां खुद ही सिमट जाती सहज।
पथ कठिन जब पग बढ़ाती बेटियां।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~
अब कहीं रुकती नहीं हैं बेटियां।
और झुक सकती नहीं हैं बेटियां।
छूट जाता वक्त भी पीछे स्वयं।
भाव में बहती नहीं है बेटियां।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य

2 Likes · 1 Comment · 198 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from surenderpal vaidya
View all

You may also like these posts

मंजिल के जितने नजदीक होगें , तकलीफ़ें और चुनौतियां उतनी ज्या
मंजिल के जितने नजदीक होगें , तकलीफ़ें और चुनौतियां उतनी ज्या
Lokesh Sharma
ये मुलाकात सलामत रहेगी जहन में,
ये मुलाकात सलामत रहेगी जहन में,
श्याम सांवरा
कभी न दिखावे का तुम दान करना
कभी न दिखावे का तुम दान करना
Dr fauzia Naseem shad
दिल की धड़कनों को मुझपर वार दे,
दिल की धड़कनों को मुझपर वार दे,
अनिल "आदर्श"
"जीवन लगता"
Dr. Kishan tandon kranti
जब हम गलत मार्ग या भटकते हैं तभी हम खोज के तरफ बढ़ते हैं, नह
जब हम गलत मार्ग या भटकते हैं तभी हम खोज के तरफ बढ़ते हैं, नह
Ravikesh Jha
उनके रुख़ पर शबाब क्या कहने
उनके रुख़ पर शबाब क्या कहने
Anis Shah
*आओ सोचें अब सभी, गलत भीड़ का जोश (कुंडलिया)*
*आओ सोचें अब सभी, गलत भीड़ का जोश (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
"उत्सवों का महत्व"
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आत्महत्या
आत्महत्या
आकांक्षा राय
"सत्य वचन"
Sandeep Kumar
पर्यावरण
पर्यावरण
Rambali Mishra
हिंदी के ज्ञानपीठ पुरस्कार (शार्ट ट्रिक)
हिंदी के ज्ञानपीठ पुरस्कार (शार्ट ट्रिक)
गुमनाम 'बाबा'
क्यूँ मन है उदास तेरा
क्यूँ मन है उदास तेरा
योगी कवि मोनू राणा आर्य
हो सके तो मुझे भूल जाओ
हो सके तो मुझे भूल जाओ
Shekhar Chandra Mitra
सार छंद विधान सउदाहरण / (छन्न पकैया )
सार छंद विधान सउदाहरण / (छन्न पकैया )
Subhash Singhai
कुंभ पूर्ण होने पर
कुंभ पूर्ण होने पर
Raj kumar
मुलाकातें हों या गुफ़्तगू
मुलाकातें हों या गुफ़्तगू
हिमांशु Kulshrestha
हुआ जो मिलन, बाद मुद्दत्तों के, हम बिखर गए,
हुआ जो मिलन, बाद मुद्दत्तों के, हम बिखर गए,
डी. के. निवातिया
तुम्हारी आँखें।
तुम्हारी आँखें।
Priya princess panwar
हाय हाय री आधुनिकी ...
हाय हाय री आधुनिकी ...
Sunil Suman
*बेटे भी प्यारे होते हैं*
*बेटे भी प्यारे होते हैं*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
4523.*पूर्णिका*
4523.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अब न जाने क्या हालत हो गई,
अब न जाने क्या हालत हो गई,
Jyoti Roshni
मैं एक बीबी बहन नहीं
मैं एक बीबी बहन नहीं
MEENU SHARMA
बेहद दौलत भरी पड़ी है।
बेहद दौलत भरी पड़ी है।
सत्य कुमार प्रेमी
चलो मिलते हैं पहाड़ों में,एक खूबसूरत शाम से
चलो मिलते हैं पहाड़ों में,एक खूबसूरत शाम से
पूर्वार्थ
Affection Couldn’t be Found In Shallow Spaces.
Affection Couldn’t be Found In Shallow Spaces.
Manisha Manjari
्किसने कहा नशें सिर्फ शराब में होती है,
्किसने कहा नशें सिर्फ शराब में होती है,
Radha Bablu mishra
নিমন্ত্রণ
নিমন্ত্রণ
Pijush Kanti Das
Loading...