जिन्दगी तेरे लिये
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
मुझ पे लफ़्ज़ों का जाल मत फेंको
चाहत मोहब्बत और प्रेम न शब्द समझे.....
*एक जन्म में जाने कितने, हमने जन्म जिए हैं (हिंदी गजल)*
मैं एक नदी हूँ
Vishnu Prasad 'panchotiya'
मशीनों ने इंसान को जन्म दिया है
शीत ऋतु
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
मै पत्नी के प्रेम में रहता हूं
शायद मेरी बातों पर तुझे इतनी यक़ीन ना होगी,
वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी।
ज़िंदगी में एक ऐसा दोस्त ज़रुर होना चाहिए,
इसलिए कहता हूं तुम किताब पढ़ो ताकि