राजनीति
मां ने जैसे ही की मेरे लिए लड़की पसंद !
मैने कहा… क्यों कर दिया ? आपने
इस दिल को मैना के पिंजरे में बंद !!
वैसे भी इस वर्ष काफी संख्या में शादियां हुई है !
अनेकों के सुखी शांत जीवन में अशांतियां हुई है !!
फिर भी वे शादी की सालगिरह मनाने वाले है !
मिलेनियम वर्ष में मिलेनियम तोहफा पाने वाले है !!
विकास के नाम पर
भले ही हम एक प्रतिशत नही बढ़े है !
पर एक अरब की जनसंख्या किए
विश्व में सीना ताने शतप्रतिशत खड़े है !!
तभी माता जी बोली…
शिकायतों की पिटारी खोली..
बेटा ! आजकल तुम्हारी हरकते
चित्र-विचित्र नजर आ रही है !
तुम्हारी शिकायते हाइकमान जैसे
मुझ तक पहुंचाई जा रही है !!
ऐसा लगता है तुम्हें भी…
राजनीति का बुखार चढ़ रहा है !
इसीलिए, इस भरी जवानी में तुम्हारा रहन-सहन अटलजी की तरह बदल रहा है !!
किंतु हम भी तुम्हारी माता है तुम्हारा यह रहन-सहन
हमें बिल्कुल नही भाता है
अरे ! जरा समझो
तुम राजनीति कर रहे हो !
उन अटलजी की तरह क्यूं ?
अपना जीवन बर्बाद कर रहे हो !!
आज नहीं तो कल
तुम भी कुर्सी में बैठोगे !
बिहारी बाबू की तरह ऐंठोंगे !!
घोटाला भी करोगे और कराओगे !
पर ये तो बताओ ?
कुर्सी में बैठाने के लिए पत्नी कहां से लाओगे !!
• विशाल शुक्ल