मैं देता उनको साधुवाद जो निज कर्तव्य निभाते
लेखन-शब्द कहां पहुंचे तो कहां ठहरें,
💐तेरे मेरे सन्देश-4💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बिन तिरे इक कमी रही बरसों - संदीप ठाकुर
कहाँ है मुझको किसी से प्यार
एक शायर खुद रहता है खंडहरों में - पता महलों का बताता है
अपनी अपनी बहन के घर भी आया जाया करो क्योंकि माता-पिता के बाद
नज़र से जाम पिलाने का कोई सबब होगा ।
बुन्देली दोहा प्रतियोगिता -205 (अकतां) के श्रेष्ठ दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*छल-कपट को बीच में, हर्गिज न लाना चाहिए【हिंदी गजल/गीतिका】*
ज़िंदगी मेरी दर्द की सुनामी बनकर उभरी है
कुछ लोग ऐसे हैं दुनिया में