आदिवासी होकर जीना सरल नहीं
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
*बहुत याद आएंगे श्री शौकत अली खाँ एडवोकेट*
तुम ऐसे उम्मीद किसी से, कभी नहीं किया करो
ज़िंदगी में गीत खुशियों के ही गाना दोस्तो
कद्र माँ-बाप की जिसके आशियाने में नहीं
कुछ ऐसे भी लोग कमाए हैं मैंने ,
हम कहाँ से कहाँ आ गए हैं। पहले के समय में आयु में बड़ों का स
The beauty of being absent :
छन्द- वाचिक प्रमाणिका (मापनीयुक्त मात्रिक) वर्णिक मापनी – 12 12 12 12 अथवा – लगा लगा लगा लगा, पारंपरिक सूत्र – जभान राजभा लगा (अर्थात ज र ल गा)
लोकतांत्रिक मूल्य एवं संवैधानिक अधिकार
पुण्यधरा का स्पर्श कर रही, स्वर्ण रश्मियां।