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26 May 2023 · 1 min read

*छल-कपट को बीच में, हर्गिज न लाना चाहिए【हिंदी गजल/गीतिका】*

छल-कपट को बीच में, हर्गिज न लाना चाहिए【हिंदी गजल/गीतिका】
■■■■■■■■■■■■■■■■
(1)
छल-कपट को बीच में, हर्गिज न लाना चाहिए
प्यार से ही प्यार का, रिश्ता निभाना चाहिए
(2)
नफरतों से क्या मिलेगा, रात-दिन जो कर रहे
खून अपना यों नहीं, हर्गिज जलाना चाहिए
(3)
युद्ध करने से जरूरी तो नहीं यह जीत हो
मित्रता की राह को भी, आजमाना चाहिए
(4)
भाग्य के हाथों बँधी है, आदमी की जिंदगी
जो मिले परिणाम चाहे, मुस्कुराना चाहिए
(5)
नेता समझने न लगें, खुद को नवाबों की तरह
हेकड़ी जिसमें लगे, उस को हराना चाहिए
—————————————————-
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उ.प्र.
मोबाइल 99976 15451

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