Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Aug 2024 · 2 min read

दीपावली स्वर्णिम रथ है

श्री राम आगमन पर्व सुपावन माह कार्तिक अमावस्या ।
बच्चे बूढ़े सब मिल पूजें,पूरित वर्षों की तपस्या।।
हर बेटी सीता की प्रतिमा, बेटा श्री राम की मूरत है।
धन तेरस बरसें लक्ष्मी जी, दीपावली महा तीरथ है।।

वेद पुराणों में उल्लेखित,धर्म सनातन का सत है।
भारतीय संस्कृति सभ्यता का,दीपावली स्वर्णिम रथ है।
प्रेम खुशी आस्था सनातन,भाव विभोर मन लथपथ है।
सदा झूठ पर विजय सत्य की, दीपावली महातीरथ है।।

जलाएँ मिट्टी के दीपक हम,कुम्हार को दें खुशियाँ अनमोल।
रंगोलियों से सजें घर द्वार हमारे,हर घर खुशियाँ करें किलोल।
सुख समृद्धि की चंचल रश्मि आ रहीं लेकर रथ हैं।
अमा रात्रि बनी है दुल्हन, दीपावली महातीरथ है।

पटाखों की जगह हम बाँटें,मिठास जो दिल में बस जाए।
सहयोग देकर मदद करें हम,हर जरूरतमंद मुस्काए।
स्वाहा करें कलुषता सारी,स्नेह बसा सुधा सत है।
दीपों का त्योहार अनूठा, दीपावली महातीरथ है।।

हरित दीपावली सभी मनाएँ,प्रदूषण का इति मान करें।
फुलझड़ी पटाखे नहीं जलाएंँ,प्रकृति का सम्मान करें।
खुशियांँ सदा परोपकारी होतीं, उनका और न कोई पथ है।
कार्तिक मास की जगमग अमावस्या, दीपावली महातीरथ है।।

अन्नकूट का पर्व मनाएंँ,जरूरतमंदों के संग बाँटें।
फसल खरीफ पकी खेतों में,अन्न प्रदाता अन्न छाँटें।।
शुद्ध अनाज खेत का अपने-खुशी गांव की रही अकथ है।
खरीफ फसल पकने को आए,दीपावली महातीरथ है।।

आओ खुशी स्थायी करलें,दीप नहीं यह बुझने दें।
आओ हम मानव शरीर में, श्री राम निज गुणों को भर लें।।
मात्र संतुलन गुण कर सकते,इनका अपना ही परिपथ है।
सनातनी भारत भूमि पर, दीपावली महातीरथ है।।

नव दुर्गा फिर विजयादशमी,धन-तेरस धन बरसत है।
छोटी बड़ी दिवाली लाती,गोवरधन संग बरकत है ।
नदी,गाय,वसुधा जननी सम,प्राण दायिनी समरथ हैं।
प्रेम भरे त्योहार हमारे, दीपावली महातीरथ है।।

सादगी में रहो आनंदित,ऐसी दीप पर्व की वाणी।
हर्षोल्लास भरे हर उर में,आदर्श राम का आगमन है।
दीपों का शुभ पर्व अमर है।सदियों से श्रुति संमत है।
विश्व गुरु की उच्च पताका, दीपावली महातीरथ है।।
नीलम शर्मा ✍️

Language: Hindi
176 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

वो ज़ख्म जो दिखाई नहीं देते
वो ज़ख्म जो दिखाई नहीं देते
shabina. Naaz
एक सशक्त लघुकथाकार : लोककवि रामचरन गुप्त
एक सशक्त लघुकथाकार : लोककवि रामचरन गुप्त
कवि रमेशराज
#सकारात्मक_सोच😊 #सकारात्मक_सुबह😊😊 #सकारात्मक_सोमवार 😊😊😊
#सकारात्मक_सोच😊 #सकारात्मक_सुबह😊😊 #सकारात्मक_सोमवार 😊😊😊
*प्रणय प्रभात*
जाय फिसल जब हाथ से,
जाय फिसल जब हाथ से,
sushil sarna
बचा क्या है??
बचा क्या है??
सिद्धार्थ गोरखपुरी
चुनरी
चुनरी
PRATIK JANGID
मेरी खूबसूरती बदन के ऊपर नहीं,
मेरी खूबसूरती बदन के ऊपर नहीं,
ओसमणी साहू 'ओश'
मेरे हमसफ़र
मेरे हमसफ़र
MEENU SHARMA
तुम बिन
तुम बिन
Dinesh Kumar Gangwar
बड़े परिवर्तन तुरंत नहीं हो सकते, लेकिन प्रयास से कठिन भी आस
बड़े परिवर्तन तुरंत नहीं हो सकते, लेकिन प्रयास से कठिन भी आस
ललकार भारद्वाज
आप हर किसी के लिए अच्छा सोचे , उनके अच्छे के लिए सोचे , अपने
आप हर किसी के लिए अच्छा सोचे , उनके अच्छे के लिए सोचे , अपने
Raju Gajbhiye
हरसिंगार
हरसिंगार
Shweta Soni
थोड़ा हल्के में
थोड़ा हल्के में
Shekhar Deshmukh
हरीतिमा हरियाली वाली हरी शबनमी घास
हरीतिमा हरियाली वाली हरी शबनमी घास
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
"कलम के लड़ाई"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं नारी हूँ
मैं नारी हूँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
"उमंग तरंग हो मन का मेरे, हर सुख का आभास हो"
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
खोकर अपनों को यह जाना।
खोकर अपनों को यह जाना।
लक्ष्मी सिंह
तीली बोली फुस्स (बाल कविता)
तीली बोली फुस्स (बाल कविता)
Ravi Prakash
जन्मदिन शुभकामना
जन्मदिन शुभकामना
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
दीप जले
दीप जले
Nitesh Shah
जीवा रै तारण सारु,
जीवा रै तारण सारु,
लक्की सिंह चौहान
नैया पार हो गई
नैया पार हो गई
संतोष बरमैया जय
सफलता का मार्ग
सफलता का मार्ग
Praveen Sain
क्या पता मैं शून्य न हो जाऊं
क्या पता मैं शून्य न हो जाऊं
The_dk_poetry
पद्मावती छंद विधान सउदाहरण
पद्मावती छंद विधान सउदाहरण
Subhash Singhai
4716.*पूर्णिका*
4716.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Zomclub mang đến một không gian giải trí cá cược đẳng cấp vớ
Zomclub mang đến một không gian giải trí cá cược đẳng cấp vớ
zomclubicu
गम इतने दिए जिंदगी ने
गम इतने दिए जिंदगी ने
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
Loading...