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20 Oct 2024 · 1 min read

4716.*पूर्णिका*

4716.*पूर्णिका*
🌷 ढोंग दिखावा देखा है🌷
22 22 22 2
ढोंग दिखावा देखा है ।
रोज चढ़ावा देखा है ।।
झूठी शान छ्ल कपट भी ।
देत बढ़ावा देखा है ।।
भूखे-प्यासे लोग यहाँ ।
भोग छ्लावा देखा है ।।
न तमाशा करती दुनिया।
सोच अलावा देखा है ।।
दिल भी साफ नहीं खेदू।
कहत बुलावा देखा है ।।
…….✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
20-10-2024रविवार

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