Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Aug 2024 · 1 min read

जीते हैं शान से

ये दुनिया बहुरंगी है जनाब
जिसमें हम सब उलझे हुए हैं,
सच कहें तो जो जितने अपने हैं
उतने ही वो पराए हैं।
हम सब इसी उहापोह में जीते हैं,
जीते क्या हैं अपने पराए की चादर
सीते और उधेड़ते हैं।
अब आप कहोगे कि हम जीते हैं,
पर आप शायद भूल रहे हैं
कि हम ही नहीं आप भी बड़े भ्रम हैं।
कोई जीता नहीं किसी के लिए
यहां तक कि अपने लिए भी नहीं,
सब ढोते हैं खुद को मजदूर की तरह
सिर पर लदे बोझ तरह।
और भेद करते रहते हैं
अपने और पराए का,
जो कि कोई है ही नहीं
सिवाय मृग मरीचिका के,
जैसे ये जीवन है
महज पानी का एक बुलबुला।
जिसे हम आप सब जानते हैं
मगर मानते कब हैं
और माने भी तो क्यों
क्योंकि हम सब भ्रमित जो हैं
खुद को मालिक समझते हैं
और इसी भ्रम में रहते हैं,
और कब अलविदा कह गए दुनिया को
न खुद जान पाते हैं,
और न ही दुनिया को बता पाते हैं,
एक पल पहले तक भी हम
भ्रम का शिकार बने रहते हैं
कहते रहे हम तो शहंशाह जनाब
और जीते हैं बड़े शान से।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
1 Like · 67 Views

You may also like these posts

🙅आज-कल🙅
🙅आज-कल🙅
*प्रणय*
कभी कभी कहना अच्छा होता है
कभी कभी कहना अच्छा होता है
Rekha Drolia
यह दशहरा चलो श्रीराम से करे हम प्रार्थना!!! और मांगे दस वरदा
यह दशहरा चलो श्रीराम से करे हम प्रार्थना!!! और मांगे दस वरदा
पूर्वार्थ
कर्म हमारे ऐसे हो
कर्म हमारे ऐसे हो
Sonam Puneet Dubey
चित्रकार की खूबसूरती
चित्रकार की खूबसूरती
Ritu Asooja
ज़िम्मेवारी
ज़िम्मेवारी
Shashi Mahajan
నా గ్రామం
నా గ్రామం
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
"पारदर्शिता की अवहेलना"
DrLakshman Jha Parimal
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ६)
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ६)
Kanchan Khanna
मैं गुजर जाऊँगा हवा के झोंके की तरह
मैं गुजर जाऊँगा हवा के झोंके की तरह
VINOD CHAUHAN
एक गीत सुनाना मैं चाहूं
एक गीत सुनाना मैं चाहूं
C S Santoshi
फलसफ़ा
फलसफ़ा
Atul "Krishn"
भूखा कैसे रहेगा कोई ।
भूखा कैसे रहेगा कोई ।
Rj Anand Prajapati
ठाट-बाट
ठाट-बाट
surenderpal vaidya
एहसास
एहसास
Shally Vij
4547.*पूर्णिका*
4547.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"बताओ"
Dr. Kishan tandon kranti
गजल
गजल
जगदीश शर्मा सहज
ग़म से बहल रहे हैं आप आप बहुत अजीब हैं
ग़म से बहल रहे हैं आप आप बहुत अजीब हैं
Ritesh Deo
बाल कविता -नन्हीं चीटी
बाल कविता -नन्हीं चीटी
पूनम दीक्षित
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
मन ये मुस्कुराए
मन ये मुस्कुराए
Shinde Poonam
संवेदना
संवेदना
नेताम आर सी
- तेरे नाम यह जिंदगानी कर जाऊ -
- तेरे नाम यह जिंदगानी कर जाऊ -
bharat gehlot
मेरी ख़्वाहिश ने
मेरी ख़्वाहिश ने
Dr fauzia Naseem shad
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
बरसात सा जीवन
बरसात सा जीवन
Vivek Pandey
सर्द पूनम का मुझे सपना सुहाना याद है...!
सर्द पूनम का मुझे सपना सुहाना याद है...!
पंकज परिंदा
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
अंत ना अनंत हैं
अंत ना अनंत हैं
TARAN VERMA
Loading...