मेरे दिल की आवाज़ के अनुसार जो आपसे बात करना नहीं चाहे या जो
संवेदनाओं में है नई गुनगुनाहट
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*कभी मिटा नहीं पाओगे गाँधी के सम्मान को*
तुम्हें अहसास है कितना तुम्हे दिल चाहता है पर।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
प्रेमागमन / मुसाफ़िर बैठा
एक इस आदत से, बदनाम यहाँ हम हो गए
मैं गुजर जाऊँगा हवा के झोंके की तरह
*डॉ मनमोहन शुक्ल की आशीष गजल वर्ष 1984*
हर शेर हर ग़ज़ल पे है ऐसी छाप तेरी - संदीप ठाकुर