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11 Feb 2024 · 1 min read

ग़ज़ल

ख़िरद की बात मत करना बुराई से
रहेगा दूर वरना हर बधाई से/1

जिसे चाहत समझ आती नहीं उसको
कभी फ़ुरसत नहीं मिलती तन्हाई से/2

रुलाकर और को जोड़े करोड़ों पर
ख़ुशी हासिल नहीं उसको क़माई से/3

करे चुगली गिरे इकदिन नज़र से वो
बसे दिल में नहीं फिर वो सफ़ाई से/4

रहे जो संग पर चाहत नहीं समझे
समझ आए उसे फिर सब जुदाई से/5

नहीं छल से कभी भी दिल मिला करते
मिलन होना रुहानी है वफ़ाई से/6

अदालत तो सुबूतों पर चला करती
चलें रिश्ते मुहब्बत की दवाई से/7

आर. एस. ‘प्रीतम’
शब्दार्थ- ख़िरद- चतुराई

Language: Hindi
1 Like · 210 Views
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