43) ऋषि दयानंद युग-पुरुष हुए, उनको हम शीश झुकाते हैं (राधेश्याम
ऋषि दयानंद युग-पुरुष हुए, उनको हम शीश झुकाते हैं (राधेश्यामी छंद)
————————————–
1)
ऋषि दयानंद युग-पुरुष हुए, उनको हम शीश झुकाते हैं।
वेदों के पथ पर शपथ आज, चलने की हम सब खाते हैं।।
2)
है साध्य हमारा सत्य एक, यह सच ही पार लगाएगा।
वह एक ब्रह्म है निराकार, जो वेद पढ़ा समझाएगा।।
______________________________________
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451