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17 Jun 2024 · 1 min read

*श्री महेश राही जी (श्रद्धाँजलि/गीतिका)*

श्री महेश राही जी (श्रद्धाँजलि/गीतिका)
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””‘
(1)
चले गए हँसते-मुस्काते श्री महेश राही जी
रहे अन्त तक कलम चलाते श्री महेश राही जी
(2)
गढ़ी कल्पनाओं से दुनिया आदर्शों को खेते
जाति – प्रथा इसमें ठुकराते श्री महेश राही जी
(3)
तपस” आपकी अन्तिम रचना उपन्यास मनभावक
वसुधा एक कुटुम्ब बताते श्री महेश राही जी
(4)
दयानन्द के अनुयायी थे आर्य-समाजी-चिन्तन
उपन्यास द्वारा फैलाते श्री महेश राही जी
(5)
अन्तिम सीख यही इनकी समरस समाज की रचना
इसे “तपस” से जग में लाते श्री महेश राही जी
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
(मृत्यु 14 नवम्बर 2015)
“”””””””””””‘””'”””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश) 99976 15451

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