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12 Apr 2024 · 1 min read

“व्यर्थ है धारणा”

“व्यर्थ है धारणा”
देखने की चीज नहीं है
आँखों से पीड़ाएँ
वो केवल महसूस होते हैं
हवा की मानिन्द,
गांधारी व्यर्थ है तुम्हारी धारणा
कि आँखें खुली रहने से
देख पाते हैं लोग।

3 Likes · 4 Comments · 183 Views
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