Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 May 2024 · 1 min read

जब तक हो तन में प्राण

जब तक हो तन में प्राण
जुबाँ पर हो एक तेरा नाम

गिरने जो लगूं तो संभाल लेना
रोने जो लगूं तो हँसा देना

किसी को सिसकते देखूं तों
चल पडूँ राह इंसानियत की

दिल में तेरी इबादत का जूनून
होठों पर तेरा नाम हर पल

जहां भी देखूं बस तू ही तू हो
तेरे बन्दों में , इस कायनात के हर ज़र्रे में तू

तेरी इस पाकीजा निगाह का करम मुझ पर जो हो जाए
जीते जी मुझे जन्नत नसीब हो जाए

तू इस जमीं का मालिक , उस जन्नत का भी
जिस पर हो तेरा करम , उसका बेड़ा पार हो जाए

किसी की झोपड़ी में . किसी के आलीशान महल में तू
दिलों को करता है रोशन , वो खैरख्वाह है तू

लिखता है नसीब , बगैर कलम स्याही के तू
इंसानियत की राह जो चले , उनके साथ हर पल है तू

जब तक हो तन में प्राण
जुबाँ पर हो एक तेरा नाम ||

अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

Language: Hindi
107 Views
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all

You may also like these posts

Fitoor
Fitoor
A A R U
3574.💐 *पूर्णिका* 💐
3574.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
यमुना के तीर पर
यमुना के तीर पर
श्रीहर्ष आचार्य
बसंत आने पर क्या
बसंत आने पर क्या
Surinder blackpen
मेरे दिल ओ जां में समाते जाते
मेरे दिल ओ जां में समाते जाते
Monika Arora
*ओले (बाल कविता)*
*ओले (बाल कविता)*
Ravi Prakash
प्यार की कद्र
प्यार की कद्र
ओनिका सेतिया 'अनु '
मन में मातम हो कहीं,
मन में मातम हो कहीं,
TAMANNA BILASPURI
कर्म का फल भाग - 1 रविकेश झा
कर्म का फल भाग - 1 रविकेश झा
Ravikesh Jha
अपना अपना सच
अपना अपना सच
Dr.Archannaa Mishraa
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
नारी
नारी
Mandar Gangal
"मैं तुम्हारा रहा"
Lohit Tamta
मैंने इन आंखों से गरीबी को रोते देखा है ।
मैंने इन आंखों से गरीबी को रोते देखा है ।
Phool gufran
"दहेज"
Dr. Kishan tandon kranti
राम नवमी मना रहे हैं
राम नवमी मना रहे हैं
Sudhir srivastava
मतदान कीजिए (व्यंग्य)
मतदान कीजिए (व्यंग्य)
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
जीवन है
जीवन है
Dr fauzia Naseem shad
*झूठा ही सही...*
*झूठा ही सही...*
नेताम आर सी
....बहू बनाम बेटी...
....बहू बनाम बेटी...
rubichetanshukla 781
मुझे नज़र आती है
मुझे नज़र आती है
*प्रणय*
''कूबूल करते हैं ''
''कूबूल करते हैं ''
Ladduu1023 ladduuuuu
कविता - छत्रछाया
कविता - छत्रछाया
Vibha Jain
दोहा - शीत
दोहा - शीत
sushil sarna
भालू , मेढ़क और बंदर
भालू , मेढ़क और बंदर
Dr. Vaishali Verma
शीर्षक - स्वप्न
शीर्षक - स्वप्न
Neeraj Agarwal
*गलतफहमी*
*गलतफहमी*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
जीवनदायिनी बैनगंगा
जीवनदायिनी बैनगंगा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
कुछ बातें बस बाते होती है
कुछ बातें बस बाते होती है
पूर्वार्थ
सबने सब कुछ लिख दिया, है जीवन बस खेल।
सबने सब कुछ लिख दिया, है जीवन बस खेल।
Suryakant Dwivedi
Loading...