Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Aug 2024 · 1 min read

पर्वत के जैसी हो गई है पीर आदमी की

पर्वत के जैसी हो गई है पीर आदमी की
कैसी लिखी भगवान ने तकदीर आदमी की ?
रातों की नींद खोई दिन का सुकूं गंवाया,
सारी उम्र कमाया फिर भी ना चैन पाया ,
दुनिया में रह गई सब जागीर आदमी की ।
कैसी लिखी भगवान ने तकदीर आदमी की ?
चेहरे बड़े है भोले लगते बड़े करीबी ,
दिल में जलन है भारी , मुस्कान है फरेबी
पहचानना है मुश्किल तस्वीर आदमी की ।
पर्वत के जैसी हो गई है पीर आदमी की ।
जीवन में ऐसे लोग मिलते नहीं किसी को ,
जो काटते गिरेंबा , दिखते नहीं किसी को ,
अब जीभ हो गई है शमशीर आदमी की ।
पहचानना है मुश्किल तस्वीर आदमी की ।
करते हैं बेईमानी घर घर में हैं लुटेरे ,
कुछ तेरे मुंह पर तेरे और मेरे मुंह पर मेरे ,
बातों का खेल है सब तरकीब आदमी की ।
पहचानना है मुश्किल तस्वीर आदमी की ।
ये इश्क और मोहब्बत छाया जुनून कैसा ?
न कोई लैला जैसी , ना कोई मजनू जैसा ,
घर घर में अब मिलेंगी हीर आदमी की ।
पर्वत के जैसी हो गई है पीर आदमी की ।
मंजू सागर

72 Views

You may also like these posts

*
*"मजदूर"*
Shashi kala vyas
# विचार
# विचार
DrLakshman Jha Parimal
सरकारी नौकरी लगने की चाहत ने हमे ऐसा घेरा है
सरकारी नौकरी लगने की चाहत ने हमे ऐसा घेरा है
पूर्वार्थ
दुर्जन अपनी नाक
दुर्जन अपनी नाक
RAMESH SHARMA
गौरवशाली भारत
गौरवशाली भारत
Shaily
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
3202.*पूर्णिका*
3202.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
घायल मन
घायल मन
Sukeshini Budhawne
कविता
कविता
लक्ष्मी सिंह
वो अगर चाहे तो आगे भी निकल जाऊँगा
वो अगर चाहे तो आगे भी निकल जाऊँगा
अंसार एटवी
खेलों का महत्व
खेलों का महत्व
विजय कुमार अग्रवाल
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Phool gufran
" मैं "
Dr. Kishan tandon kranti
तन्हा शामें
तन्हा शामें
शिव प्रताप लोधी
नववर्ष- 2025 के लिए
नववर्ष- 2025 के लिए
आर.एस. 'प्रीतम'
आँखों ने समझी नहीं,
आँखों ने समझी नहीं,
sushil sarna
हम शिक्षक
हम शिक्षक
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
ना देखा कोई मुहूर्त,
ना देखा कोई मुहूर्त,
आचार्य वृन्दान्त
जीते जी तुझे छोड़ नहीं सकता,
जीते जी तुझे छोड़ नहीं सकता,
श्याम सांवरा
बचपन
बचपन
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
स्वार्थ
स्वार्थ
Khajan Singh Nain
मेहनत कर तू फल होगा
मेहनत कर तू फल होगा
Anamika Tiwari 'annpurna '
अंक की कीमत
अंक की कीमत
Juhi Grover
मुनाफे में भी घाटा क्यों करें हम।
मुनाफे में भी घाटा क्यों करें हम।
सत्य कुमार प्रेमी
13. Rain Reigns
13. Rain Reigns
Ahtesham Ahmad
आतिशी ने लाल कुर्सी पर,रख लीं केजरीवाल की खड़ाऊं
आतिशी ने लाल कुर्सी पर,रख लीं केजरीवाल की खड़ाऊं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मोर छत्तीसगढ़ महतारी
मोर छत्तीसगढ़ महतारी
Mukesh Kumar Sonkar
I dreamt of the night we danced beneath the moon’s tender li
I dreamt of the night we danced beneath the moon’s tender li
Manisha Manjari
आपकी बुद्धिमत्ता प्रकृति द्वारा दिया गया सबसे बड़ा इनाम है।
आपकी बुद्धिमत्ता प्रकृति द्वारा दिया गया सबसे बड़ा इनाम है।
Rj Anand Prajapati
शराफ़त न ढूंढो़ इस जमाने में
शराफ़त न ढूंढो़ इस जमाने में
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
Loading...