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30 May 2024 · 1 min read

अजीब लड़की

अजीब लड़की

देखी थी मैंने एक अजीब लड़की
जो जीवन के हर दिन को
समझ कर खाली केनवस
बिखेरती थी उस पर
मनमाने रंग …

देखी थी मैंने एक अजीब लड़की
जो लिपट कर तन्हाइयों से
लेती थी सिसकियां
ढूँड़ती किताबों में
वो अपनी दुनियां …

देखी थी मैंने एक अजीब लड़की
जो खुद को समझाती
खुद को बहलाती
खुद पर ही हसती
खुद को सहलाती…

देखी थी मैंने एक अजीब लड़की
जो वक़्त की धड़कन को
सुनती थी हर पल
नामुमकिन सपनों को
बुनती थी हर पल …

हाँ आज ही सुबह
अपने ही घर
अपने कमरे के आईने में
देखी थी मैंने एक ‘अजीब लड़की’..
– क्षमा ऊर्मिला

Language: Hindi
1 Like · 146 Views
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