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24 Mar 2025 · 1 min read

*अपना संवत विक्रमी, भारत की पहचान (कुंडलिया)*

अपना संवत विक्रमी, भारत की पहचान (कुंडलिया)
➖➖➖➖➖➖➖➖
अपना संवत विक्रमी, भारत की पहचान
एक जमाना था यही, सबकी चढ़ा जुबान
सबकी चढ़ा जुबान, भवन पर अंकित करते
दैनिक था व्यवहार, बहीखातों में भरते
कहते रवि कविराय, चल रहा अब भी छपना
अखबारों में रोज, पुराना संवत अपना
_________________________
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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