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1 Nov 2024 · 1 min read

कुछ और शेर

वो घाव इतना गहरा गहरा था , कि सारे घाव भर गए
प्रश्न सारे जिंदगी के , यूँ ही हल हो गए।

मन में हज़ार बातें हैं , जो मांगती हिसाब हैं
कितने पृष्ठ हैं वहां , कैसी ये किताब है।

चोट जमाने ने नहीं , तूने दी है मुझको
प्यार की कैसी सज़ा , तूने दी है मुझको।

तुम मेरा अपमान कर सको
यह सामर्थ्य तुम्हारा नहीं
यह अधिकार तो मेरा है।

और चाहिए ? ले लो सब
यह सौंदर्य , यह ब्रह्माण्ड
तो मेरा है।

तुमको न सही प्यार मुझसे
मेरा प्यार तो तेरा है।

ले आये हो जिस मोड़ पे जीवन
फिर भी चुन लूँ शांति मन की
यह चुनाव तो मेरा

—-शशि महाजन

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