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26 May 2024 · 1 min read

*खिली एक नन्हीं कली*

खिली एक नन्हीं कली

प्रेम की अभिव्यक्ति,
स्नेह युक्त बंधन हूं मैं।

दूरस्थ मंदिर की घंटियों सा,
मधुर क्रंदन हूं मैं।

क्षण क्षण सुवासित करे,
वह स्निग्ध चंदन हूं मैं।

भाग्य के भाल पर जड़ा,
अनमोल कुंदन हूं मैं।

कनिष्ठता अपनी स्वीकार,
करती सभी का वंदन हूं मैं।।

आभा पाण्डेय

Language: Hindi
121 Views
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