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28 May 2024 · 1 min read

ओ त्याग मुर्ति माँ होती है

ओ त्याग मुर्ति माँ होती है

दर्द सहकर खूद, मुझे जनम दिया,
ओ त्याग मुर्ति, माँ होती है।
नौ माह गर्भ तले, मुझे रख दिया,
ओ महान शक्ति देवी, माँ होती है।
माँ होती है……………
कदम कदम पर तुने, चलना सिखाया,
ओ संस्कार मुर्ति, माँ होती है।
प्यारे लफ्जों से, बोलना सिखाया,
ओ शारदा शक्ति, माँ होती है।
माँ होती है……………
पहली स्कूल में, जाना सिखाया,
सरस्वती का अवतार, माँ होती है।
स्वस्थ तन रहने मुझे, खेल सिखाया,
ओ आरोग्य देवी, माँ होती है।
माँ होती है……………
समाज अंधेरों में, उजाला दिखाया,
ओ रोशनी की मुर्ति, माँ होती है।
मुझे पढाकर, बडा साहब किया,
ओ त्याग मुर्ति माँ होती।
माँ होती है….माँ होती है……

स्वरचित – कृष्णा वाघमारे,जालना, महाराष्ट्र

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 135 Views
Books from krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
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