You think you’re asking for too much until you find someone
मालिक ये कैसा शहर है बसाया
ज़िन्दगी की बोझ यूँ ही उठाते रहेंगे हम,
बातों की कोई उम्र नहीं होती
जो थे कल तक फूल वो आज काँटों में शुमार हो गये।
दोपहर जल रही है सड़कों पर
बहारों का मौसम सज़ा दिजिए ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
जो जज्बातों से लड़ते हैं,