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15 May 2024 · 1 min read

बहारों का मौसम सज़ा दिजिए ।

(6) ग़ज़ल
–‘ ” “—–‘ ” “—–‘ ” “—-‘ “—

बहारों का मौसम सज़ा दिजिए ।
झलक तो जरा सा दिखा दीजिए ।।

यूं गुमसुम से क्यों हो बता दिजिए ।
जरा दिल की बातें सुना दिजिए ।।

नज़र से सदा वार करते हैं वो।
कभी आके मरहम लगा दिजिए ।।

सहे दर्द कैसे बता तो सनम ।
हमें आप दिल की दवा दीजिए।।

नफरतों को रोको चिंगारी न हो।
नहीं दुश्मनी को हवा दीजिए।।

जला कर दिया झोपड़ी में सुनो ।
उन्हें रोशनी का पता दीजिए।।

न देखें तुझे ” ज्योटी” रहती तन्हा।
ले बाहों में मुझको छुपा दीजिए।।

ज्योटी श्रीवास्तव (jyoti Arun Shrivastava)
अहसास ज्योटी 💞✍️

1 Like · 120 Views
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