मेरी बातों को कोई बात लगी है ऐसे
इस कदर आज के ज़माने में बढ़ गई है ये महगाई।
जिंदगी में एक रात ऐसे भी आएगी जिसका कभी सुबह नहीं होगा ll
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*नई दुकान कहॉं चलती है (हिंदी गजल)*
*रंगीला रे रंगीला (Song)*
अश्क जब देखता हूं, तेरी आँखों में।
आपने जो खोया है उस पर पीछे मुड़कर देखने में अपना समय बर्बाद
सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे
यूं मुहब्बत में सब कुछ हारने वालों,