Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 May 2024 · 1 min read

कथनी और करनी

6
कथनी और करनी में अंतर न करके,
छोटे-छोटे संकल्पों से शुरुआत करनी चाहिए।

न हो बड़ी-बड़ी बातें आदर्शों की,
व्यावहारिक सी सहज अभिव्यक्ति होनी चाहिए।

घुटने लगी हैं साँसे बंद वातानुकूलित संकीर्ण कमरों में,
उन्मुक्त हवा में विस्तृत सोच होनी चाहिए ।

औपचारिकताओं से घिरे दिवसों का नहीं कोई औचित्य,
हर रोज़ ही संस्कारित दिवस मना लेना चाहिए ।

तारीफों की जंजीरों में कब तक जकड़े रहेंगे ख़ुद को ,
ज़रा आलोचना का भी लुत्फ़ उठाना आना चाहिए ।

पनप गए हैं समाज के ठेकेदार खरपतवार से,
पड़ोस की बेटी का विश्वासपात्र भी बन जाना चाहिए ।

माना कि महारथ हासिल हो गई है हमें,
नवांकुरों को भी पनपने का अवसर देना चाहिए।

न हो केवल किताबी लेखन और पठन
लिखकर,लिखे हुए की पुनरावृत्ति कर मनन भी कर लेना चाहिए।

कथनी और करनी में अंतर न करके,
छोटे-छोटे संकल्पों से ही शुरुआत करनी चाहिए।

डॉ दवीना अमर ठकराल ‘देविका’

114 Views
Books from Davina Amar Thakral
View all

You may also like these posts

2750. *पूर्णिका*
2750. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आपको देखकर _दिल को ऐसा लगा
आपको देखकर _दिल को ऐसा लगा
कृष्णकांत गुर्जर
जीना यदि चाहते हो...
जीना यदि चाहते हो...
आकाश महेशपुरी
क्या सत्य है ?
क्या सत्य है ?
Buddha Prakash
आत्म मंथन
आत्म मंथन
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
वो देखो ख़त्म हुई चिड़ियों की जमायत देखो हंस जा जाके कौओं से
वो देखो ख़त्म हुई चिड़ियों की जमायत देखो हंस जा जाके कौओं से
Neelam Sharma
चाहता बहुत कुछ
चाहता बहुत कुछ
महेश चन्द्र त्रिपाठी
" कोपर "
Dr. Kishan tandon kranti
आज कृष्ण जन्माष्टमी, मोदभरे सब लोग।
आज कृष्ण जन्माष्टमी, मोदभरे सब लोग।
डॉ.सीमा अग्रवाल
मेरी दुनियाँ.....
मेरी दुनियाँ.....
Naushaba Suriya
वो चुपचाप आए और एक बार फिर खेला कर गए !
वो चुपचाप आए और एक बार फिर खेला कर गए !
सुशील कुमार 'नवीन'
हमारा जन्मदिवस - राधे-राधे
हमारा जन्मदिवस - राधे-राधे
Seema gupta,Alwar
कवि हूँ मै ...
कवि हूँ मै ...
Abasaheb Sarjerao Mhaske
दूषित पर्यावरण
दूषित पर्यावरण
C S Santoshi
बेफिक्र अंदाज
बेफिक्र अंदाज
SHAMA PARVEEN
मन इच्छा का दास है,
मन इच्छा का दास है,
sushil sarna
मुस्कुराहट
मुस्कुराहट
Kunal Kanth
अंगड़ाई
अंगड़ाई
भरत कुमार सोलंकी
#दीनदयाल_जयंती
#दीनदयाल_जयंती
*प्रणय*
रात का रक्स..
रात का रक्स..
हिमांशु Kulshrestha
बुंदेली दोहे- खांगे (विकलांग)
बुंदेली दोहे- खांगे (विकलांग)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
तंत्र  सब  कारगर नहीं होते
तंत्र सब कारगर नहीं होते
Dr Archana Gupta
तूझे क़ैद कर रखूं ऐसा मेरी चाहत नहीं है
तूझे क़ैद कर रखूं ऐसा मेरी चाहत नहीं है
Keshav kishor Kumar
"रिश्तों के धागे टूट रहे हैं ll
पूर्वार्थ
आ बैठ मेरे पास मन
आ बैठ मेरे पास मन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*एकलव्य*
*एकलव्य*
Priyank Upadhyay
*नसीहत*
*नसीहत*
Shashank Mishra
प्रदूषण
प्रदूषण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
*रिश्तों का बाजार*
*रिश्तों का बाजार*
Vaishaligoel
कविता
कविता
Rambali Mishra
Loading...