Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Apr 2024 · 1 min read

कर्णधार

उसकी आंखों में एक अजीब सी चमक
मैंने देखी थी ,
जिंदगी में कुछ कर गुजरने की उमंग उसमें
मैंने देखी थी ,

परिस्थिति का मारा वो बेचारा, सम्बलविहीन ,कटु जीवन यथार्थ भोगने को बाध्य था ,
अभावों से घिरा , अपने अंतर्मन के भावों को दबाए , दुर्गम जीवन पथ पर बढ़ता जा रहा था ,

समय के झंझावातों को झेलते , नियति के चक्रवातों से संघर्षरत रहते उसकी प्रकृति सतत् ,
कर्मवीर का संकल्पित भाव लिए ,
कष्टों से अविचलित अपने लक्ष्य की ओर
वह अग्रसर अनवरत ,

देश के ऐसे कर्णधारों को अब तक कोई न
पहचान सका ,
इनकी शक्ति के उत्सर्ग को अब तक कोई न
जान सका ,

इनकी अपरिमित शक्ति ही समग्र विकास की
जान है,
इनके अस्तित्व से ही देश में स्थापित लोकतंत्र का मान है ,

स्मरण रहे इनमें अंतर्निहित अपने राष्ट्र के प्रति अगाध सम्मान है।

1 Like · 54 Views
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all

You may also like these posts

धूप  में  निकलो  घटाओं  में नहा कर देखो।
धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो।
इशरत हिदायत ख़ान
"हर बाप ऐसा ही होता है" -कविता रचना
Dr Mukesh 'Aseemit'
जीवन का सार
जीवन का सार
MUSKAAN YADAV
किताबें बोलती हैं …
किताबें बोलती हैं …
meenu yadav
अपनी भूलों से नहीं,
अपनी भूलों से नहीं,
sushil sarna
दिल का आलम
दिल का आलम
Surinder blackpen
दोहा
दोहा
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
सो कॉल्ड अन्तराष्ट्रीय कवि !
सो कॉल्ड अन्तराष्ट्रीय कवि !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
Topic Wait never ends
Topic Wait never ends
DR ARUN KUMAR SHASTRI
समंदर इंतजार में है,
समंदर इंतजार में है,
Manisha Wandhare
जुझअ ता गरीबी से बिहार
जुझअ ता गरीबी से बिहार
Shekhar Chandra Mitra
लथ -पथ है बदन तो क्या?
लथ -पथ है बदन तो क्या?
Ghanshyam Poddar
इंसान का स्वार्थ और ज़रूरतें ही एक दूसरे को जोड़ा हुआ है जैस
इंसान का स्वार्थ और ज़रूरतें ही एक दूसरे को जोड़ा हुआ है जैस
Rj Anand Prajapati
"आईना रहने दो"
Dr. Kishan tandon kranti
कभी.....
कभी.....
देवराज यादव
"फ़ुरक़त" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
बुरा वक्त आज नहीं तो कल कट जाएगा
बुरा वक्त आज नहीं तो कल कट जाएगा
Ranjeet kumar patre
@ खोज @
@ खोज @
Prashant Tiwari
अपनी क़िस्मत से मात खाते हैं ,
अपनी क़िस्मत से मात खाते हैं ,
Dr fauzia Naseem shad
जिंदगी का एक और अच्छा दिन,
जिंदगी का एक और अच्छा दिन,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पहले जब तु पास् होती थी , तब दिल तुझे खोने से रोता था।
पहले जब तु पास् होती थी , तब दिल तुझे खोने से रोता था।
Nitesh Chauhan
19, स्वतंत्रता दिवस
19, स्वतंत्रता दिवस
Dr .Shweta sood 'Madhu'
उस
उस"कृष्ण" को आवाज देने की ईक्षा होती है
Atul "Krishn"
माईया गोहराऊँ
माईया गोहराऊँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तंबाकू की पुड़िया पर, लिखा है हर इक बात,
तंबाकू की पुड़िया पर, लिखा है हर इक बात,
पूर्वार्थ
हिस्से की धूप
हिस्से की धूप
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
23/136.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/136.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
करते हैं जब यत्न
करते हैं जब यत्न
महेश चन्द्र त्रिपाठी
वो बस सपने दिखाए जा रहे हैं।
वो बस सपने दिखाए जा रहे हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
हमको भी सलीक़ा है लफ़्ज़ों को बरतने का
हमको भी सलीक़ा है लफ़्ज़ों को बरतने का
Nazir Nazar
Loading...