Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jul 2024 · 1 min read

“फ़ुरक़त” ग़ज़ल

जाने क्यूँ लोग, मिरे दिल को यूँ दुखाते हैं,
बिन किसी बात के ही, साथ छोड़ जाते हैं।

रस्मे-उल्फ़त का कहाँ इल्म, हुस्न वालों को,
हमीं है इक, मगर जो, राब्ता निभाते हैं।

इश्क़ उनको नहीं है, मान लूँ आख़िर कैसे,
आके ख़्वाबों मेँ मुझे अब भी वो सताते हैं।

ख़त-किताबत भले ही बन्द हो चुकी अब तो,
इश्क़े-सफ़हे पे पर गुलाब हम सजाते हैं।

अश्क़ उसके हैं, सो करता हूँ जज़्ब आँखों मेँ,
सोज़-ए-दिल है, मगर फिर भी मुस्कुराते हैं।

उससे कहना न ये अहवाले-दौर-ए-फ़ुरक़त,
सवाल कर के हम जवाब ख़ुद सुनाते हैं।

दिल के खँडहर मेँ गूँजती हैं, सदाएँ उसकी,
दर-ओ-दीवार भी रह-रह, मुझे चिढ़ाते हैं।

बुलबुलें कल ही कह रही थीं बहार आई है,
अब न मौसम कोई हरगिज़ मुझे सुहाते हैं।

चराग़ दर पे, जलाता हूँ इसी “आशा” मेँ,
मुद्दतों बाद भी तो, लोग, लौट आते हैं..!

“फ़ुरक़त” # जुदाई, वियोग, separation
रस्मे-उल्फ़त # प्रीत की रीत, traditions of love
राब्ता # रिश्ता, relationship
इश्क़े-सफ़हे # प्रेम का पन्ना, page of love
जज़्ब # सोख लेना, to absorb
सोज़-ए-दिल # हृदय-वेदना, agony of heart
अहवाले-दौर-ए-फ़ुरक़त # जुदाई के समय का हालचाल, stare of affairs during aloofness
सदाएँ # आवाजें, sounds, voices etc.

##————##————##———–##

Language: Hindi
5 Likes · 7 Comments · 174 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
View all

You may also like these posts

जनहरण घनाक्षरी
जनहरण घनाक्षरी
Rambali Mishra
कई जिंदगियां महफूज़ रहती हैं,
कई जिंदगियां महफूज़ रहती हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"सदियों का सन्ताप"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम आ जाते तो उम्मीद थी
तुम आ जाते तो उम्मीद थी
VINOD CHAUHAN
अफ़सोस
अफ़सोस
Shekhar Chandra Mitra
जिंदगी आगाज है
जिंदगी आगाज है
Manoj Shrivastava
भारत माँ का एक लाल
भारत माँ का एक लाल
Kavita Chouhan
Character building
Character building
Shashi Mahajan
शोर से मौन को
शोर से मौन को
Dr fauzia Naseem shad
इश्क़ में  क्या अज़ाब है साहिब,
इश्क़ में क्या अज़ाब है साहिब,
पंकज परिंदा
किलकारी भर कर सुबह हुई
किलकारी भर कर सुबह हुई
Madhuri mahakash
आजादी का जश्न मनायें
आजादी का जश्न मनायें
Pratibha Pandey
कितनी निर्भया और ?
कितनी निर्भया और ?
SURYA PRAKASH SHARMA
#ज़मीनी_सच
#ज़मीनी_सच
*प्रणय प्रभात*
अर्कान - फाइलातुन फ़इलातुन फैलुन / फ़अलुन बह्र - रमल मुसद्दस मख़्बून महज़ूफ़ो मक़़्तअ
अर्कान - फाइलातुन फ़इलातुन फैलुन / फ़अलुन बह्र - रमल मुसद्दस मख़्बून महज़ूफ़ो मक़़्तअ
Neelam Sharma
आंख से मत कुरेद तस्वीरें - संदीप ठाकुर
आंख से मत कुरेद तस्वीरें - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
किसी चमत्कार की प्रतीक्षा में
किसी चमत्कार की प्रतीक्षा में
Chitra Bisht
ढ़लती हुई
ढ़लती हुई
हिमांशु Kulshrestha
3513.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3513.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
सत्य दृष्टि (कविता)
सत्य दृष्टि (कविता)
Dr. Narendra Valmiki
कुम्भ मेला पर दोहे
कुम्भ मेला पर दोहे
Subhash Singhai
कोरी किताब
कोरी किताब
Dr. Bharati Varma Bourai
वसंत पंचमी
वसंत पंचमी
Sudhir srivastava
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
आओ तुम्हें चाँद पर ले जाएँ
आओ तुम्हें चाँद पर ले जाएँ
Indu Nandal
इस जहां में अब वो, अजनबी नहीं मिलता..
इस जहां में अब वो, अजनबी नहीं मिलता..
sushil yadav
अभिलाषाएं नव जीवन की
अभिलाषाएं नव जीवन की
Shweta Soni
तू प्रयास कर
तू प्रयास कर
Aaidan Goyal
खुशियों की दीवाली हो
खुशियों की दीवाली हो
sushil sharma
अब तो सब सपना हो गया
अब तो सब सपना हो गया
Shakuntla Shaku
Loading...