Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 May 2024 · 1 min read

जिंदगी आगाज है

जिंदगी आगाज है अंजाम यारों मौत है
इस सफर का आखिरी पैगाम यारों मौत है

व्याधियों से टूटता लाचार तन बेबस सा मन
ऐसे तन मन के लिए इनाम यारों मौत है

बेसबब बेकार बोझल आजकल है जिंदगी
खुशनुमा खामोश पर गुमनाम यारों मौत है

रूह जो सारी उम्र चलकर थकी हैरान है
दो घड़ी उसके लिए आराम यारों मौत है

जागती सुनकर जिसे चोला बदलने की ललक
आत्मा के वास्ते वह नाम यारों मौत है
@
डॉक्टर इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तव
13 वी रचना

126 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Manoj Shrivastava
View all

You may also like these posts

यात्रा
यात्रा
Sanjay ' शून्य'
भोर
भोर
Omee Bhargava
"मेरा निस्वार्थ निश्चछल प्रेम"
विकास शुक्ल
आवाज़ दो, पुकारों ज़ोर से हमको।
आवाज़ दो, पुकारों ज़ोर से हमको।
Madhu Gupta "अपराजिता"
ई भारत देश महान हवे
ई भारत देश महान हवे
आकाश महेशपुरी
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
सरस्वती वंदना -रचनाकार :अरविंद भारद्वाज, रेवाड़ी हरियाणा
सरस्वती वंदना -रचनाकार :अरविंद भारद्वाज, रेवाड़ी हरियाणा
अरविंद भारद्वाज
साथ न कुछ जाएगा
साथ न कुछ जाएगा
Sudhir srivastava
🙅जय हो🙅
🙅जय हो🙅
*प्रणय प्रभात*
Website: https://dongphucasian.com/xuong-may-dong-phuc-ao-th
Website: https://dongphucasian.com/xuong-may-dong-phuc-ao-th
dongphucuytin123
'गाजर' (मनहरण घनाक्षरी)
'गाजर' (मनहरण घनाक्षरी)
Godambari Negi
स्वतंत्र नारी
स्वतंत्र नारी
Manju Singh
** शैलपुत्री **
** शैलपुत्री **
surenderpal vaidya
परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
प्रेम मोहब्बत इश्क के नाते जग में देखा है बहुतेरे,
प्रेम मोहब्बत इश्क के नाते जग में देखा है बहुतेरे,
Anamika Tiwari 'annpurna '
ख़ाली हाथ
ख़ाली हाथ
Shashi Mahajan
भारत देश हमारा है
भारत देश हमारा है
Arvind trivedi
हाँ, मैं पुरुष हूँ
हाँ, मैं पुरुष हूँ
हिमांशु Kulshrestha
*संगीतमय रामकथा: आचार्य श्री राजेंद्र मिश्र, चित्रकूट वालों
*संगीतमय रामकथा: आचार्य श्री राजेंद्र मिश्र, चित्रकूट वालों
Ravi Prakash
Herons
Herons
Buddha Prakash
അക്ഷരങ്ങൾ
അക്ഷരങ്ങൾ
Heera S
हम समझते थे खैर ख़्वाह जिसको
हम समझते थे खैर ख़्वाह जिसको
Dr fauzia Naseem shad
प्रीत
प्रीत
श्रीहर्ष आचार्य
होली का रंग चढ़े यूं सब पर,
होली का रंग चढ़े यूं सब पर,
पूर्वार्थ देव
प्रश्न जन्माष्टमी
प्रश्न जन्माष्टमी
Nitin Kulkarni
कहमुकरी
कहमुकरी
डॉ.सीमा अग्रवाल
ये ईश्वर की दया-दृष्टि ही तो है
ये ईश्वर की दया-दृष्टि ही तो है
Ajit Kumar "Karn"
“दीपावली की शुभकामना”
“दीपावली की शुभकामना”
DrLakshman Jha Parimal
कलियुग
कलियुग
Dr.sima
मुझे इंतजार है , इंतजार खत्म होने का
मुझे इंतजार है , इंतजार खत्म होने का
Karuna Goswami
Loading...