सरस्वती वंदना -रचनाकार :अरविंद भारद्वाज, रेवाड़ी हरियाणा

सरस्वती वंदना
सुनो प्रार्थना मात शारदे, तुमको आज सुनाएं हम
हाथ जोड़कर शीश नवाकर, तेरी वंदना गाँए हम
रोज सवेरे ध्यान करें हम , आँख मूंदकर मात तेरा
जनसेवा पढ़ लिखकर सीखे,रख लो मैया ध्यान मेरा
करें निवेदन साथ में मैया, तेरा गुणगान सुनाए हम
हाथ जोड़कर शीश नवाकर, तेरी वंदना गाँए हम
हंस वाहिनी सरस्वती माँ , वागेश्वरी है नाम तेरा
वीणा कर कमलों में लेकर, दूर करो अंधकार मेरा
जीवन रुपी रंगमंच को, सीखने दर तेरे आए हम
हाथ जोड़कर शीश नवाकर, तेरी वंदना गाँए हम
मेल जोल और प्रेम को सीखें, ऐसा दो वरदान हमें
मात-पिता और गुरुजन सेवा,दे दो मैया दान हमें
मीठे-मीठे बोल बोलकर, मधुर कंठ से गाँए हम
हाथ जोड़कर शीश नवाकर, तेरी वंदना गाँए हम
© अरविंद भारद्वाज