उनसे मत पूछा करो – कुण्डलिया
विषय – उनसे मत पूछा करो
छंद – कुण्डलिया
उनसे मत पूछा करो, मिलता है बस घात।
राई को पर्वत करें, छोटी-मोटी बात।।
छोटी-मोटी बात, बढ़ाकर सदा बताते।
निंदा का हीं काज, खूब है उनको भाते।।
मिलती कहाँ सलाह, पूछते चाहे जिनसे।
मांगी सदा पनाह, कहें आखिर क्या उनसे।।
:- राम किशोर पाठक