Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2024 · 1 min read

हिस्से की धूप

तुम्हारे हिस्से की कुछ धूप को
हमने चुराया है,
कुछ रस्म बेवफाई का
हमने निभाया है।

कटे जो हाथ अपना तो
सुनो अहसास होता है,
कटा दूजे का कर तो बस
समाचार होता है।

इतने वॉर सहने पर
दर्द उठता नहीं तन में,
कही ये दर्द बेचारा
हुआ अगवा नहीं मन से

बेवफाई दर्द ने की थी
सजा हमने क्यों पायी थी,
वफ़ा की आड़ में तुमने
किया क्यों बेवफाई थी।

भरी दुनिया मे बस तुमको
देवता ही तो माना था,
पता पर था नही मुझको
गुनाहो का वो स्वामी था।

मुफलिसी का हूँ मै मारा
मगर जिन्दा जमीर है ,
आज तक बिक नहीं पाया
बनी रोटी अमीर है।

बची जागीर तन की है
मगर मन तेरा स्वामी है,
बेवफाई तूने ही की है
मेरे आँखों में पानी है।

मुकम्मल थी वफ़ा ऐसी
बेवफा बन नहीं पाया,
रूह तपती रही मेरी
बनी थी रेत हमसाया।

चले थे संग मिल के हम
मगर अनजान मंजिल थी,
पहिले कौन पहुंचेगा
किसी को चिंता ये कब थी।

लगा कर जोर पूरा था
तुम्हे मंजिल दिलाई थी,
तूने हाथ दूजा थाम के
क्यों बेवफाई की ?

मिले तुम मानता निर्मेष
निरापद भाग्य था मेरा,
मेरा मिलना भी तुमको तो
कही कमतर नहीं पर था।

निर्मेष

1 Like · 196 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
View all

You may also like these posts

जनता का पैसा खा रहा मंहगाई
जनता का पैसा खा रहा मंहगाई
नेताम आर सी
कब मेरे मालिक आएंगे।
कब मेरे मालिक आएंगे।
Kuldeep mishra (KD)
देव शयनी एकादशी
देव शयनी एकादशी
Dr. Vaishali Verma
शुभ
शुभ
*प्रणय प्रभात*
कैसे कैसे चेहरे बनाने लगे हैं,
कैसे कैसे चेहरे बनाने लगे हैं,
Satish Srijan
देखते आ रहे दृश्य ये सर्वदा,
देखते आ रहे दृश्य ये सर्वदा,
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
"जीने की तमन्ना"
Rahul Singh
जिन्हें हम पसंद करते हैं
जिन्हें हम पसंद करते हैं
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
मनुवा तेरे
मनुवा तेरे
Santosh kumar Miri
तुम ही रहते सदा ख्यालों में
तुम ही रहते सदा ख्यालों में
Dr Archana Gupta
" धर्म "
Dr. Kishan tandon kranti
हमसफ़र
हमसफ़र
Arvina
नज़्म _मिट्टी और मार्बल का फर्क ।
नज़्म _मिट्टी और मार्बल का फर्क ।
Neelofar Khan
साथ बिताए कुछ लम्हे
साथ बिताए कुछ लम्हे
Chitra Bisht
उसके दिल में आया तो दिन में रात कर देगा
उसके दिल में आया तो दिन में रात कर देगा
Jyoti Roshni
"तुम्हारी याद आई"
Lohit Tamta
आंखों में तिरी जाना...
आंखों में तिरी जाना...
अरशद रसूल बदायूंनी
4592.*पूर्णिका*
4592.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पल दो पल की शोहरतें भी तमाशे जैसी है,
पल दो पल की शोहरतें भी तमाशे जैसी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मौन
मौन
Vivek Pandey
नव्य द्वीप का रहने वाला
नव्य द्वीप का रहने वाला
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
रंजीत कुमार शुक्ला - हाजीपुर
रंजीत कुमार शुक्ला - हाजीपुर
हाजीपुर
स्कूल गेट पर खड़ी हुई मां
स्कूल गेट पर खड़ी हुई मां
Madhuri mahakash
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
सम्मानार्थ प्रविष्ठियां आमंत्रित हैं
सम्मानार्थ प्रविष्ठियां आमंत्रित हैं
Mukesh Kumar Rishi Verma
झील का पानी
झील का पानी
Kanchan Advaita
“दर्द से दिल्लगी”
“दर्द से दिल्लगी”
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
..                      पहले एक कमाता था नौ खाते थे
.. पहले एक कमाता था नौ खाते थे
Rituraj shivem verma
तेरा ज़िक्र
तेरा ज़िक्र
Sakhi
जबकि तड़पता हूँ मैं रातभर
जबकि तड़पता हूँ मैं रातभर
gurudeenverma198
Loading...