Bundeli doha
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"तुम कौन थे , क्या थे, कौन हो और क्या हो ? इसके बारे में कोई
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
तुम्हे देख कर ही ऐसा महसूस होता है
*उच्चारण सीखा हमने, पांडेय देवकी नंदन से (हिंदी गजल)*
बेशक प्यार उनसे बेपनाह था
सत्य की खोज
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
I know gravity is hitting very hard.pulling you so down.that
जिनके घर खुद घास फूंस के बने हो वो दूसरे के घर में माचिस नही
उस झरोखे को बंद करें, जो आपको पीड़ा देता है, बाहर का दृश्य च
हर चीज से वीरान मैं अब श्मशान बन गया हूँ,
आओ उस प्रभु के दर्शन कर लो।
बंधनों के बेड़ियों में ना जकड़ो अपने बुजुर्गों को ,