याचना
डॉ0 रमेश कुमार 'निर्मेष'
असीमित इच्छाओं और वासनाओं से पूरित आज का मानवीय समाज अनासक्त से दूर वर्तमान की गला काट प्रतियोगिता से पूरित 'सर्वे भवन्तु सुखिनः' के अपने विश्व ग्राम की सुकोमल कल्पना से अनवरत विरत होता जा रहा है। मानवीय संवेदनाये तेजी...