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15 Feb 2024 · 1 min read

कुण्डलिया

ऋतु छः होतीं भारत में , लो आनंद उठाय ।
गरमी वर्षा शरद ऋतु , तीन ऋतुएं सुभाय ।।
तीन ऋतुएं सुभाय , हेमंत शिशिर औ बसंत ।
ऋतु अनुसार बिताय , न हो जिंदगी का अंत ।।
कहें ओम कविराय , यही हैं सुंदरतम ऋतु ।
जग में कहीं न होत , भारत में होतीं छः ऋतु ।।

ओमप्रकाश भारती ओम्
बालाघाट , मध्य प्रदेश

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