Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 May 2024 · 2 min read

भारत के वायु वीर

पवन सा वेग हौसले की उड़ान
आसमान का प्रहरी सीमाओं का जांबाज।।
हवाओं के बवंडर को अपनी
अपनी कश्ती हस्ती का मांझी
बना लेता शान।।
वक्त कितना भी मुश्किल हो
मंजिल चाहे कितनी भी कठिन हो
मकशद की मंजिल से पहले
विश्राम हराम।।
मकसद की मंजिल जब तक ना
हो अभिमान आसमां का सीना चीरता
बुलन्द जज्बे फौलाद इरादे का नाम।।
वायु में वायु से तेज आसमान की
ऊंचाई से आगे की उड़ान बाज़।।
राष्ट्र स्वाभिमान अस्मिता की दृढ़ चट्टान माँ भारती की औलाद ।।
पुरुषार्थ पराक्रम की प्रेरक प्रेरणा
परिभाषा वायु सैनिक सेना अलग
अन्दाज का शौर्य सूर्य प्रकाश।।
भरोसा विश्वाश धीरता बीरता का धन्य
धैर्य शौर्य गर्जना हुंकार।।
दुर्गम परिस्थितियों कठिन चुनौतियों से
टकराता लड़ता तोड़ता पल पल लड़ता
संग्राम।।
जंग का मैदान हो या शिकार पहाड़ चाहे अंतर्मन आसमान सिंह की दहाड़
विजय विजयी भाव भावना का ज्वार।।
रेगिस्तान हो या बर्फ़ीले पहाड़ शोला
समंदर हो या सैलाभः निडर निर्भीक
मकसद की मंजिल को बढ़ता बेबाक।।
वक्त को मोड़ राह अपनी खोज ले आकाश की गर्जना गूंज का महारथी
महान।।
भयंकर आमवस्या का अंधकार हो या
चाँद की प्रखर चाँदनी दिवस का प्रभा
हो मध्य हो संध्या जीने मरने विजय
वरण का प्रण प्राण।।
निश्चिन्त निश्चय निर्भय निर्बिकर
अहिर्निश संकल्प सिद्ध का महायज्ञ
अनुष्ठान।।
आराम हराम थकना हारना मृत्यु
पराजय समान वीरता विराटता की
थल से नभ का शौर्य शंखनाद।।
गगन की गरिमा गौरव गाथा का
लिखते वर्तमान स्वर्णिम इतिहास
विजयोल्लास रण भूमि के काल
कराल विकट विकराल।।
निष्कंटक साम्राज्य शिखर अविनि
आसमान की शान्ति युद्ध के योद्धा
पुरोधा आन बान सम्मान।।
नित नियत काल से टकराता बदलता
थल की थाती आसमान का बादशाह।।

Language: Hindi
142 Views
Books from नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
View all

You may also like these posts

पीठ के नीचे. . . .
पीठ के नीचे. . . .
sushil sarna
तुम - हम और बाजार
तुम - हम और बाजार
Awadhesh Singh
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
चुपचाप निकल ले बेटा
चुपचाप निकल ले बेटा
Shekhar Chandra Mitra
एक दीप दिवाली पर शहीदों के नाम
एक दीप दिवाली पर शहीदों के नाम
DR ARUN KUMAR SHASTRI
माता पिता
माता पिता
Taran verma
खामोशी : काश इसे भी पढ़ लेता....!
खामोशी : काश इसे भी पढ़ लेता....!
VEDANTA PATEL
आज के समाज का यह दस्तूर है,
आज के समाज का यह दस्तूर है,
Ajit Kumar "Karn"
अंग प्रदर्शन करने वाले जितने भी कलाकार है उनके चरित्र का अस्
अंग प्रदर्शन करने वाले जितने भी कलाकार है उनके चरित्र का अस्
Rj Anand Prajapati
" खास "
Dr. Kishan tandon kranti
ये जो
ये जो
हिमांशु Kulshrestha
उस देश का रहने वाला हूं
उस देश का रहने वाला हूं
राकेश पाठक कठारा
2876.*पूर्णिका*
2876.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मनुष्य
मनुष्य
Sanjay ' शून्य'
रिश्तों की कसौटी
रिश्तों की कसौटी
VINOD CHAUHAN
आपकी खुशी
आपकी खुशी
Dr fauzia Naseem shad
कुदरत का करिश्मा है दरख्तों से खुशबू का महकना है ,,
कुदरत का करिश्मा है दरख्तों से खुशबू का महकना है ,,
Neelofar Khan
यह दुनिया सिर्फ उनका हाल-चाल पूछती है, जिनके हालात ठीक है, त
यह दुनिया सिर्फ उनका हाल-चाल पूछती है, जिनके हालात ठीक है, त
Ranjeet kumar patre
*शिक्षा-संस्थाओं में शिक्षणेतर कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूम
*शिक्षा-संस्थाओं में शिक्षणेतर कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूम
Ravi Prakash
সত্যের পথ মিথ্যার পথ
সত্যের পথ মিথ্যার পথ
Arghyadeep Chakraborty
मां
मां
MEENU SHARMA
वो अनजाना शहर
वो अनजाना शहर
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
न लिखना जानूँ...
न लिखना जानूँ...
Satish Srijan
*हो न लोकतंत्र की हार*
*हो न लोकतंत्र की हार*
Poonam Matia
माना दो किनारे हैं
माना दो किनारे हैं
Suryakant Dwivedi
।।
।।
*प्रणय*
अंदाज़े शायरी
अंदाज़े शायरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सुस्त हवाओं की उदासी, दिल को भारी कर जाती है...
सुस्त हवाओं की उदासी, दिल को भारी कर जाती है...
Manisha Manjari
******गणेश-चतुर्थी*******
******गणेश-चतुर्थी*******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आओ करें चाँद की सैर
आओ करें चाँद की सैर
Nitesh Shah
Loading...