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7 May 2024 · 1 min read

शीर्षक – फूलों के सतरंगी आंचल तले,

इन फूलों के मलमल आंचल से
लिपट जाऊं मैं…..

इन फूलों की खुशबू में
बिखर जाऊं मैं….

इन फूलों की सुंदरता में
कहीं खो जाऊं मैं…

इन फूलों की ,सतरंगी दुनिया में
कहीं बस जाऊं मैं….

छोड़ दूं सारी बातें
ये बेरंग दुनिया को छोड़

मिल जाऊं बिखर जाऊं मैं
इन फूलों के बागानों में
कहीं गुम जाऊं मैं

इन खूबसूरत, फूलों के दामन में
छुपा लूं मैं ख़ुद को

मेरे हर गम को, मिटा लूं मैं
इन फूलों की
सतरंगी दुनिया में, कहीं खो जाऊं मैं

— सोनम पुनीत दुबे

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