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18 Feb 2025 · 1 min read

शीर्षक :वीर हो (उल्लाला छंद)

शीर्षक :वीर हो (उल्लाला छंद)
सैनिक महान वीर हो,
तुम ही जवान धीर हो।
रक्षक अंतः देश का,
और बाह्य परिवेश का।।
धूप शीत बरसात हो,
कोई भी अपघात हो।
भारत की तकदीर हो,
होते नहीं अधीर हो।।

कहीं कभी आपात हो,
या रण की शुरुआत हो।
सदा आप रहते डटे,
विजय प्राप्त कर ही हटे।।
सीमा पर दुख झेलकर,
आप जान पर खेलकर।
रक्षा करते देश की,
पूर्ण सभी परिवेश की।।
नरेंद्र सिंह
18.02.2025

Language: Hindi
29 Views
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