हिंदी दोहे - सभा (दोहाकार- राजीव नामदेव राना लिधौरी)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
भीतर तू निहारा कर
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
परमात्मा
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
*कुत्ते चढ़ते गोद में, मानो प्रिय का साथ (कुंडलिया)*
जिन्दगी की यात्रा में हम सब का,
E certificate kab tak milega
यूं ही नहीं कहते हैं इस ज़िंदगी को साज-ए-ज़िंदगी,
अगर हकीकत से प्यार है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
निभाने को यहाँ अब सब नए रिश्ते निभाते हैं