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6 Aug 2024 · 1 min read

हम भारिया आदिवासी

हम भारिया आदिवासी
रहे हैं कभी जंगल के वासी
अब हो गये हैं गाँव शहर निवासी
शीघ्र बनेंगे देश के स्वशासी

भारिया नहीं माँगते कभी भिक्षा
जड़ से दूर करेंगे समाज की अशिक्षा
बचाये रखेंगे हम अपने संस्कार
बनाये रखेंगे अपना सद्व्यवहार

मिटायेंगे सामाजिक कुरीतियांँ
अपनायेंगे सर्वोत्तम नीतियांँ
संगठन एकता से करेंगे संघर्ष
जय आदिवासी जय भारिया का हर्ष

प्रकृति ही हमारी शक्ति
करते हैं उसी की भक्ति
पेड़ पौधे पशु पक्षी हमारे देव
जल जंगल जमीन ही महादेव

हम क्यों नहीं बन सकते कलेक्टर
और किसी राज्य देश के मिनिस्टर
तैयार हो जाओ ब्रदर और सिस्टर
करा लो इनमें अपना नाम रजिस्टर

जागो उठो मेरे भारिया आदिवासी
अब नहीं बनना दफ्तर के चपरासी
खूब पढ़ो खूब बढ़ो बनो बड़े से डाक्टर
कानून की पुस्तक पढ़ बन जाओ बैरिस्टर

जोड़ घटाना गुणा भाग सीखकर
साथ ही व्यापार का हुनर सीखकर
बन जाओ छोटे बड़े व्यापारी
कर लो मुट्ठी में दुनिया सारी

उन्नत कृषि अधिक उपज उत्पादन
करें भारिया उत्तम कृषि प्रतिपादन
कोई न रहेगा मजदूर व कृषि मजदूर
कर देंगे मिलकर सब की दीनता दूर

माँ के दूध को मत लजाओ
उच्च गुणों को तुम अपनाओ
मदिरा पीकर मान न घटाओ
मेहनत करके नाम कमाओ

कहे ओम् जागो उठ दौड़ो
अशिक्षा कुरीति सब छोड़ो
गुटका तंबाकू से मुंह मोड़ो
अपने को परहित से जोड़ो

ओमप्रकाश भारती ओम्
सिवनी मंडला बालाघाट छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश

Language: Hindi
207 Views
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