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4 May 2024 · 1 min read

ज़िन्दगी

ज़िन्दगी
—————

समय
कितना भी
बुरा हो
ज़िन्दगी हाथ
थाम ही लेती है
सुख-दुख
धूप-छाया की तरह हैं
बता कर छाया के हटते ही
धूप में भी चलना
सिखा ही देती है
उदासियों को
भेजती है नित्य
चिट्ठियाँ उम्मीद भरी
अन्ततः उन्हें हँसना
सिखा ही देती है
मृत्यु है शाश्वत
जैसी नियत की है
ईश्वर ने……वह मिलेगी ही
पर रुकेगा नहीं संगीत जीवन का
इस सत्य से भी अवगत करा
इस संगीत में डूब जाना
सिखा ही देती है
ज़िन्दगी कभी माँ
तो कभी पिता बन कर
गिरने/लड़खड़ाने/ठोकर लगने पर
आगे बढ़ सम्भाल ही लेती है।

#डॉभारतीवर्माबौड़ाई

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